पराभव

अपनी मंजिल को हॉंसिल करते हुए अगर हमारा पराभव होता हैं तो ओ हार नहीं हैं बल्कि सिर्फ़ एक मंज़िल आगें रख कर यांनी एक लक्ष सामने ऱखकर उसे हाँसिल करने का प्रयास ही ना करना ये असली पराभव है।

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